चीन और सिंगापूर मे Covid-19 की नई लहर

एक बार फिर एशिया में Covid-19 के मामले बढ़ रहे हैं। कोविड-19 अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड जैसी जगहों पर कोविड-19 से बीमार होने वाले लोगों की संख्या फिर से लगतार बढ़ते जा रही है। इसका मतलब ये है कि कई महीनों तक कम मामलों के बाद, अचानक से ज़्यादा लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं। हांगकांग में, डॉक्टरो को कई ऐसे लोगों में वायरस मिल रहे हैं जो आम बीमारी जैसे सर्दी या फ्लू के लक्षण लेकर आते हैं। सिंगापुर में भी सिर्फ़ एक हफ़्ते में ही Covid-19 के मामलों में बड़ी उछाल देखी गई है। यह नई लहर इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि लोगों को लगा था कि यह वायरस अब खतम हो गया है या अब ज़्यादा नहीं फैलेगा। लेकिन अब हम जानते हैं कि Covid-19 अभी भी फैल सकता है, चाहे मौसम कोई भी हो। वायरस बदल रहा है और यह कभी भी फिर से मज़बूत हो सकता है। यही वजह है कि कई लोग और सरकारें फिर से चिंता करने लगी हैं। वे इसे 2020 जैसी बड़ी समस्या बनने से पहले रोकना चाहते हैं।
Covid-19 के मामले फिर से क्यों बढ़ रहे हैं?
एक बड़ा कारण यह है कि लोग पहले की तरह सावधान नहीं रह रहे हैं। बहुत से लोग अब मास्क नहीं पहन रहे हैं या नियमित रूप से हाथ नहीं धो रहे हैं। साथ ही, लोगों को पहले जो टीके लगे थे, वे अब उतने प्रभावी नहीं हो सकते हैं, क्योंकि उन्हें कई महीने या साल पहले लिया गया था। इससे वायरस के लिए लोगों को फिर से संक्रमित करना और आसान हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोग बूस्टर डोस नहीं ले रहे हैं, कुछ लोगों को लगता है की covid की वैक्सीन से उन्हे अन्य तरह की दिक्कते आ रही है जिस वजह से उन्होंने बूस्टर डोस लेने से मना कर दिया। यह भी एक बहुत बड़ा कारण है Covid-19 के मामले बढ़ने में, कुछ देशों में वायरस सीवेज के पानी में पाया गया है, जिससे पता चलता है कि यह चुपचाप फैल रहा है और अपनी संख्या बढ़ा रहा है। भले ही इस लहर में वायरस बहुत घातक न हो, फिर भी यह एक साथ कई लोगों को बीमार कर सकता है। अस्पताल जल्दी भर सकते हैं, और कुछ बूढ़े या कमज़ोर लोग खतरे में पड़ सकते हैं। इसलिए, सभी को सतर्क रहने की ज़रूरत है, खासकर भीड़-भाड़ वाले शहरों में जहाँ लोग एक-दूसरे के करीब होते हैं।
🚨 COVID Surge Hits Hong Kong & Singapore! 😷
— Indian Trend 𝕏 (@IndianTrendX) May 15, 2025
Thousands of cases in a week, including adenovirus & rhinovirus. Kids as young as 13 months are infected.
Masks mandatory again. WHO demands answers. 🦠 pic.twitter.com/aorvhdlhuF
जानिए क्या है चीन और थाईलैंड में Covid-19 के हालत ?
चीन में सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल जाने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। चीन की सरकार का कहना है कि इसमें COVID-19 के साथ-साथ फ्लू और माइकोप्लाज्मा नामक एक प्रकार की निमोनिया जैसी और भी बीमारियाँ भी शामिल हैं। चीनी अस्पतालों में COVID-19 के लिए परीक्षण करने वाले लोगों की संख्या हाल ही में दोगुनी से अधिक हो गई है। थाईलैंड में भी COVID के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, खासकर सोंगक्रान नामक एक बड़े त्यौहार के बाद, जहाँ लोग यात्रा करते हैं और भीड़ में एक साथ इकट्ठा होते हैं। इस तरह के कार्यकर्म से वायरस को तेज़ी से फैलने और आसान हो जाती है। थाईलैंड के स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चीन से अपने मामलों के बारे में अधिक जानकारी साझा करने को कहा है ताकि अन्य देश बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें। इससे पता चलता है कि COVID-19 अभी भी एक वैश्विक समस्या है और यह केवल एक देश की समस्या नहीं है। इसे खतम करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।
Covid-19 से सुरक्षित रहने के लिए देश में क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
कुछ देशों ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर फिर से मास्क पहनने के लिए कहना शुरू कर दिया है। सिंगापुर में, डॉक्टर लोगों से कह रहे हैं कि अगर वे बीमार महसूस करते हैं तो काम या स्कूल न जाएँ। कुछ स्कूल और दफ़्तर थोड़े समय के लिए ऑनलाइन काम पर वापस जा रहे हैं। इन जगहों पर अस्पतालो में अतिरिक्त बेड जोड़कर ज़्यादा मरीजों के लिए तैयारी भी कर रहे हैं। ये कदम छोटे लग सकते हैं, लेकिन ये बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अगर लोग तेज़ी से काम करते हैं, तो वायरस को बहुत ज़्यादा फैलने से रोकना में आसानी होगी। देश सीवेज के पानी का भी जाँच कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि वायरस कहाँ तेज़ी से बढ़ रहा है। इस तरह, वे हालात बिगड़ने से पहले कार्रवाई कर सकते हैं। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ, लोगों से यह भी कह रहे हैं कि अगर उन्होंने पिछले साल बूस्टर वैक्सीन नहीं ली है, तो उन्हें बूस्टर वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। बूस्टर वैक्सीन शरीर को वायरस से बेहतर तरीके से लड़ने में मदद करता हैं। ये कदम बढ़ते मामलों की संख्या को कम करने में और जान बचाने में मदद कर सकता हैं।
इन सब से हमे क्या सीख मिलती हैं, कैसे हम खुद के साथ दूसरों की भी जान बचा सकते हैं ?
इसमें दो सबसे मुख्य सबक हैं। पहला, Covid-19 अभी भी मौजूद है और हमें इसे नहीं भूलना चाहिए। सिर्फ़ इसलिए कि हम महामारी से थक चुके हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि यह खत्म हो गया है। लोगों को हाथ धोने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने और बीमार होने पर घर पर रहने जैसी मूल आदतें बनाए रखने की ज़रूरत है। दूसरा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर लोग स्वस्थ नहीं होंगे, तो व्यवसाय भी नहीं चल सकता है। सरकारों को सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाए रखने के बीच संतुलन बनाना रखना है। जब COVID-19 फैलता है, तो यह सिर्फ़ लोगों के स्वास्थ्य को ही नुकसान नहीं पहुँचाता है बल्कि यह व्यवसायों और नौकरियों को भी नुकसान पहुँचाता है। जब लोग बीमार होते हैं, तो वे काम पर नहीं जा पाते हैं। कुछ दफ़्तर और कारखाने कुछ दिनों या हफ़्तों के लिए बंद हो जाते हैं। पिछली बार कई लोगों ने अपनी नौकरिया व्यवसाय सब खो दिया था। इससे देश की अर्थव्यवस्था बहुत धीमी हो जाती है। जिसकी वजह से वायरस से लड़ना और भी मुस्किल हो जाता है। हमे Covid-19 से बचने के लिए जरूरी निर्देशों का पालन करना चाहिए, और लोगों को जागरूक करना चाहिए।
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