Prashant Kishor ने कहा: नीतीश सरकार की लापरवाही ने किया राजनीति में उतरने पर मजबूर

Prashant Kishor Claimed that Ntish governance shown insensitivity during Covid

Prashant Kishor जो भारत के जाने-माने चुनाव रणनीतिकार में से एक हैं। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। खासकर बिहार में इसकी मार सबसे ज्यादा महसूस की गई। हजारों प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए थे। जब लोग अपने घर वापस लौटने के लिए तड़प रहे थे, तब बिहार सरकार की असंवेदनशीलता साफ नजर आ रही थी। न तो मजदूरों को वापस लाने की कोई ठोस योजना बनी और न ही उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था की गई।

कई राज्य सरकारें अपने लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें और बसें चलवा रही थीं। उनके रहने और खाने का इंतजाम कर रही थीं। लेकिन बिहार सरकार की ओर से इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया गया। इसी असंवेदनशीलता को देखकर प्रशांत किशोर का दिल पसीज गया।

उन्होंने महसूस किया कि राजनीति में सिर्फ रणनीति बनाने से बदलाव नहीं आता, बल्कि जमीन पर उतरकर काम करने की जरूरत होती है।

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Prashant Kishor का राजनीति में कदम

Prashant Kishor ने कई बड़े नेताओं के लिए चुनावी रणनीतियाँ बनाई हैं। Narendra Modi, Mamta Banerjee, Arvind Kejriwal और Jagan Mohan Reddy जैसे नेताओं की जीत में उनकी रणनीतियों का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन जब उन्होंने अपने ही राज्य बिहार में मजदूरों की दुर्दशा देखी, तो उन्हें लगा कि सिर्फ चुनाव जीतने की रणनीति बनाना काफी नहीं है। बदलाव लाने के लिए खुद मैदान में उतरना होगा।

प्रशांत किशोर ने फैसला किया कि अब वे खुद राजनीति में कदम रखेंगे और बिहार की तस्वीर बदलेंगे। उनका कहना था कि अगर सरकार अपने लोगों का ख्याल नहीं रख रही, तो किसी न किसी को तो आगे आना होगा। यही सोच लेकर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया।

जन सुराज पार्टी की स्थापना

2 अक्टूबर 2024 को Prashant Kishor ने ‘जन सुराज पार्टी’ की स्थापना की। इस पार्टी का मकसद था बिहार में एक नई राजनीति की शुरुआत करना। पार्टी का नारा है – ‘सही लोग, सही सोच, सामूहिक प्रयास’। प्रशांत किशोर का मानना है कि अगर सही सोच के साथ सही लोग मिलकर काम करें, तो समाज में बड़े बदलाव आ सकते हैं।

जन सुराज पार्टी का लक्ष्य है कि बिहार के हर नागरिक को उसकी बुनियादी सुविधाएँ मिलें। चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, रोजगार हो या फिर सड़क और पानी की व्यवस्था, पार्टी हर स्तर पर काम करना चाहती है। प्रशांत किशोर का कहना है कि राजनीति का मतलब सिर्फ चुनाव जीतना नहीं होना चाहिए, बल्कि जनता की सेवा करना असली मकसद होना चाहिए।

गाँव-गाँव तक जन सुराज की पहुँच

Prashant Kishor की पार्टी ने शुरुआत से ही गाँव-गाँव जाकर लोगों की समस्याएँ सुनीं। उन्होंने समझा कि असली बदलाव तभी संभव है, जब आम लोगों की तकलीफें समझी जाएँ। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता गाँव-गाँव में जनसभाएँ करते हैं, जहाँ लोग अपनी समस्याएँ खुलकर रखते हैं।

इन सभाओं में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी जरूरतों पर चर्चा होती है। पार्टी का दावा है कि वे सिर्फ वादे नहीं करेंगे, बल्कि इन समस्याओं का समाधान भी निकालेंगे।

Prashant Kishor का यह प्रयास बिहार के युवाओं के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगा रहा है। वे मानते हैं कि अगर सही नेतृत्व मिले, तो बिहार को भी विकास की राह पर आगे बढ़ाया जा सकता है।

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