TASMAC Scam: जानिए क्या है ये घोटाला, और क्यों सुप्रीम कोर्ट ने ED को दखल देने से किया मना

TASMAC sCAM एक बार फिर भारत को इन घोटालों की मार झेलनी पड़ेगी, हालांकि की अभी साफ तौर पर कोई रिपोर्ट नहीं आई है। ED के अनुसार यह घोटाला तमिलनाडु सरकार की शराब बिक्री संस्था TASMAC से जुड़े ₹1000 करोड़ रुपयों के हेर-फेर का घोटाला है। हमारे देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर सख़्त कॉमेन्ट किया है, और कहा जांच कर रही ED अब हर हद पार कर रही है। अदालत ने इस मामले में ED की जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे ED अब राज्य सरकार के हर काम में दखल देने लगी है। तमिलनाडु सरकार का आरोप है कि ED की यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रहा है। यह मामला केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ED जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है?
क्या है पूरा मामला ?
तमिलनाडु सरकार की एक संस्था है TASMAC (Tamil Nadu State Marketing Corporation) जो राज्य में शराब की बिक्री और वितरण का काम करती है। ED ने इस संस्था पर आरोप लगाया है कि इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसके लिए उन्होंने कई लोगों के यहाँ छापे भी मारे थे और जांच भी शुरू कर दी थी। जबकि TASMAC ने इस आरोप को साफ-साफ मना किया और सुप्रीम कोर्ट से पूरे मामले की जाँच करने और ED द्वारा लगाए अभी आरोपों को खारिज करने की अपील की।
आखिर क्यों ED इतने जोर-शोर से कर रहा था जांच ?
ED का कहना था कि TASMAC से जुड़े कुछ लोगों ने नियमों का उल्लंघन करके गलत तरीकों से पैसे कमाए, जिसे आम-भाषा में मनी लॉन्ड्रिंग कहते है। ED ने ये भी दावा किया कि कुछ ठेके ऐसे लोगों को दिए गए जिनका सीधा जुड़ाव राजनीतिक नेताओं या राजनीति पार्टियों से था, जिसकी वजह से TASMAC बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा था।
आज ED को सुप्रीम कोर्ट से सुप्रीम झटका लगा है
— Gurpreet Garry Walia (@garrywalia_) May 22, 2025
TASMAC के मुख्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई छापेमारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है.
अदालत ने इस मामले में ED की जांच पर फिलहाल रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने सुनवाई के… pic.twitter.com/Xrhmza6mes
जानिए क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने ?
जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा, तो अदालत ने कहा कि ED की जांच में बहुत ज़्यादा हस्तक्षेप हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ED अब अपनी हदे पार कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि राज्य सरकार के हर काम में अब ED दखल देने लगा है। ये सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल तो ED की जांच पर रोक लगा दी है। जिसकी वजह से अब ED इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं कर सकता जब तक कोर्ट इसकी इजाज़त न दे।
TASMAC घोटाले में तमिलनाडु सरकार का क्या कहना है ?
तमिलनाडु सरकार ने पहले ही कहा था कि ED की यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ED का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों को परेशान करने के लिए करती है। इस बार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से ED की भूमिका पर सवाल उठे है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब ED की भूमिका पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी कई बार विपक्षी नेता और राज्य सरकारें कह चुकी हैं कि ED को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई इस मुद्दे को और ज़ोर दे रही है।
आइए टेबल के मदद से ED और सुप्रीम कोर्ट के इस टकरार को समझते है
| मुद्दा | विवरण |
|---|---|
| कौन सी संस्था जांच कर रही थी ? | ED (Enforcement Directorate) |
| किस केस में ? | Tamil Nadu TASMAC घोटाला |
| कितनी राशि का मामला ? | ₹1000 करोड़ |
| सुप्रीम कोर्ट का कॉमेंट | ED हद पार कर रहा है |
| अभी जांच की वर्तमान स्थिति | सुप्रीम कोर्ट ने ED की जांच पर रोक लगा दी है |
इस पूरे मामले से एक बात साफ होती है कि अब न्यायपालिका भी एजेंसियों की भूमिका पर नज़र रख रही है। अगर कोई एजेंसी ज्यादा ताकत का इस्तेमाल करती है, तो कोर्ट उस पर तुरंत कार्यवाही कर सकती है। देश में कानून का काम है न्याय देना, डर फैलाना नहीं। ED जैसी एजेंसियाँ बहुत ज़रूरी होती हैं, लेकिन जब वे अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने लगें, तो कोर्ट का दखल देना ज़रूरी हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी एक चेतावनी है कि कोई भी संस्था कानून से ऊपर नहीं है।
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