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IndusInd Bank पर खतरे की घंटी: बैंक को हुआ 2300 करोड़ रुपयों का नुकसान

Image credit: Republic world

हाल ही में भारत का मशहूर बैंक IndusInd Bank एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है। रेपोर्ट् के अनुसार, बैंक के विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव खातों में कुछ गड़बड़ियाँ पाई गई हैं। और बताया जा रहा है की, बैंक के ऊपर करीब 2300 करोड़ का हेर-फेर का आरोप है। अब इस मामले की जांच National Financial Reporting Authority (NFRA), SEBI और ICAI कर रहे हैं। ये गड़बड़ी बैंक की कुल संपत्ति को करीब 2.35% तक असर डाल सकती है। हालांकि बैंक ने खुद अपने ऑडिट में ये गड़बड़ी देखा और उस पर कार्यवाही कर रही है।

आखिर क्या है पूरा मामला ?

IndusInd Bank के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि बैंक ने अपने फॉरेक्स डेरिवेटिव खातों में सही तरीके से हिसाब-किताब नहीं किया। यह शिकायत Centralised Public Grievance Redress and Monitoring System (CPGRAMS) पोर्टल पर की गई थी। यह एक ऐसा सरकारी पोर्टल है जहां आम नागरिक शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत के बाद NFRA, जो भारत की ऑडिट की निगरानी करने वाली संस्था है, उसने इस मामले को गंभीरता से लिया तेजी से कार्यवाही कर रही है।

आइए जानते है, फॉरेक्स डेरिवेटिव क्या होता है ?

फॉरेक्स डेरिवेटिव का मतलब एक ऐसा वित्तीय समझौता होता है जिसकी कीमत विदेशी मुद्रा (जैसे डॉलर, यूरो, येन) की कीमत पर निर्भर करती है। इसका उपयोग कंपनियाँ और बैंक विदेशी मुद्रा के रेट में आने वाले उतार-चढ़ाव से बचने के लिए करते हैं। जैसे अगर किसी कंपनी को भविष्य में डॉलर में भुगतान करना है और उसे डर है कि डॉलर महंगा हो जाएगा, तो वो पहले से एक तय रेट पर डॉलर खरीदने का समझौता कर लेती है। इसी प्रक्रिया को Forex Derivative कहा जाता है। हालांकि, यह काफी जटिल होता है और अगर इसमें सही हिसाब-किताब न किया जाए तो नुकसान या घोटाले की संभावना भी होती है।

क्यों NFRA ने RBI से मांगी जानकारी

NFRA ने इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क किया है ताकि और जानकारी मिल सके। RBI के जवाब के बाद तय किया जाएगा कि NFRA इस मामले में औपचारिक जांच शुरू करेगी या नहीं।

वहीं, SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) भी इस पूरे मामले को करीब से देख रहा है कि कहीं किसी नियम का उल्लंघन तो नहीं हुआ।साथ ही, ICAI (Institute of Chartered Accountants of India) भी बैंक की बहीखातों की जांच कर रहा है।

इस आरोप से बैंक की संपत्ति पर असर

बैंक ने खुद माना है कि इस गड़बड़ी से उसके नेट वर्थ पर करीब 2.35% का असर पड़ सकता है। बैंक ने बताया कि यह नुकसान 2,100 करोड़ रुपये (टैक्स से पहले) और 1,600 करोड़ रुपये (टैक्स के बाद) तक का हो सकता है। यह समस्या पिछले 7 से 8 सालों के दौरान हुए कुछ लेनदेन से जुड़ी हुई है, जो वित्त वर्ष 2024 (FY24) में सामने आई।

IndusInd Bank बैंक ने खुद खोजी गड़बड़ी

IndusInd Bank ने इस गड़बड़ी को अपने आंतरिक ऑडिट (Internal Review) के दौरान पकड़ा। इसका मतलब है कि बैंक ने खुद यह देखा कि कहीं कुछ गड़बड़ है और इसे समय पर उजागर किया। बैंक की डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी ये गड़बड़ी अन्य खातों (assets और liabilities) के साथ जुड़ी हुई थी।

क्यों IndusInd Bank बैंक को हुआ बड़ा घाटा

इस गड़बड़ी के कारण बैंक को 2024 की आखिरी तिमाही में काफी बड़ा नुकसान हुआ। IndusInd Bank ने करीब 2,329 करोड़ रुपये का नुकसान बताया है। यह नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि बैंक को इस गड़बड़ी के कारण भविष्य के जोखिमों के लिए ज्यादा पैसा अलग रखना पड़ा (Provisions बढ़ाने पड़े)।

क्या बैंक के अंदर से ही हुआ धोखा ?

ET Now Digital की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक को शक है कि इस गड़बड़ी में कुछ कर्मचारियों की संभावित भूमिका हो सकती है। इसलिए बैंक के बोर्ड ने यह सलाह दी है कि इस मामले को जांच एजेंसियों और नियामक संस्थाओं के पास भेजा जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर कार्रवाई हो।

IndusInd Bank फिलहाल बड़ी जांच के घेरे में है। कई बड़े संस्थान जैसे NFRA, RBI, SEBI और ICAI इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और भरोसे से जुड़ा है।अगर यह साबित होता है कि बैंक में जानबूझकर गड़बड़ी की गई है, तो इससे न केवल बैंक की छवि खराब होगी, बल्कि आम लोगों और निवेशकों का भरोसा भी टूट सकता है।आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच का क्या नतीजा निकलता है और क्या बैंक इस नुकसान से उबर पाएगा।

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