गुरुग्राम के कर्मचारी ने LinkedIn पर किया खुलासा: टारगेट न पूरा करने पर 50 बार सीढ़ियां चढ़वाई गईं

हाल ही में एक गंभीर मामला चर्चा में आया है। हाइक एजुकेशन के पूर्व कर्मचारी पीयूष कुमार ने LinkedIn पर एक चौंकाने वाली कहानी शेयर की। उन्होंने बताया कि कंपनी ने उन्हें सेल्स टारगेट पूरा न करने की सज़ा देते हुए 50 बार सीढ़ियाँ चढ़ने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि सहकर्मियों के सामने उनका अपमान किया गया और काम पूरा न होने पर मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई लोग कंपनी के वर्क कल्चर को लेकर सवाल पूछने लगे। क्या कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार करना सही है? या फिर कहानी में कुछ और भी है? आइए इस पूरे मामले को समझते हैं।
Piyush Kumar कौन हैं?
Piyush Kumar हरियाणा के गुड़गांव में स्थित हाइक एजुकेशन नामक कंपनी में काम करते थे। यह कंपनी शिक्षा क्षेत्र में काम करती है और छात्रों को विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश दिलाने में मदद करती है।
पीयूष वहां एक सेल्स कर्मचारी के रूप में काम करते थे। उनका काम नए छात्रों को प्रवेश दिलाना था। कई कंपनियों की तरह, उनकी टीम के पास रोजाना के लक्ष्य होते थे। उन्हें हर दिन एक निश्चित संख्या में प्रवेश लाना होता था।
पीयूष ने LinkedIn पर क्या कहा?
LinkedIn पर अपने पोस्ट में पीयूष ने बताया कि उनकी मैनेजर रुचि पाराशर ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि एक दिन उन्हें एक नोट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें कहा गया था कि अगर वह टारगेट पूरा नहीं कर पाए, तो वह 50 बार सीढ़ियां चढ़ेंगे। उस दिन वह अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि सॉरी कहने के बाद भी उन्हें अपने सहकर्मियों के सामने बार-बार कान पकड़कर सीढ़ियां चढ़ने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि एक कर्मचारी को सबूत के तौर पर इसका वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए मजबूर किया गया। पीयूष ने बताया कि जब उन्होंने कंपनी से कहा कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे, तो उन्होंने उस कर्मचारी को एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिसमें कहा गया था कि वीडियो सिर्फ मनोरंजन के लिए था। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में LinkedIn पर अपने पोस्ट में वीडियो शेयर किया। उन्होंने बताया कि पूरी घटना 4 अप्रैल को हुई और इसके दो दिन बाद ही उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
कंपनी ने क्या कहा?
पीयूष की पोस्ट वायरल होने के बाद हाइक एजुकेशन के सीईओ राहुल शर्मा ने एक न्यूज वेबसाइट (HT.com) को इंटरव्यू दिया। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया। राहुल शर्मा ने कहा कि पीयूष झूठ बोल रहे हैं और कंपनी, अपनी पत्नी रुचि पाराशर (मैनेजर) और खुद की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीयूष द्वारा शेयर किया गया वीडियो टीम के लिए एक मजेदार एक्टिविटी के दौरान लिया गया था। उनके अनुसार, वीडियो में साफ दिख रहा है कि पीयूष मुस्कुरा रहे हैं, आनंद ले रहे हैं और असहज नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दबाव या सजा शामिल नहीं थी।
सीईओ ने लगाया गंभीर आरोप
राहुल शर्मा ने पीयूष पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि पीयूष ने कंपनी से 3.6 लाख रुपए ऐंठने की कोशिश की थी। जब कंपनी ने मना कर दिया तो पीयूष ने यह झूठी कहानी बनाकर ऑनलाइन पोस्ट कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की कई महिला कर्मचारियों से पीयूष के यौन दुराचार के बारे में औपचारिक शिकायतें मिली थीं।
पीयूष ने इन दावों के बारे में क्या कहा?
पीयूष ने सीईओ के इन दावों को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि शिकायतें झूठी हैं और उनके बोलने के बाद उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ये सब झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि काम पर तो उन्हें परेशान किया ही जा रहा था और अब उन पर गलत तरीके से आरोप भी लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी दोहराया कि सीढ़ियों से सज़ा देना कोई मज़ेदार गतिविधि नहीं थी। उन्हें अपमानित किया गया। इसीलिए उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
सोशल मीडिया पर यह स्थिति चर्चा का बड़ा विषय बन गई। कई लोग पूछने लगे कि क्या कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार करना ठीक है। कुछ लोगों ने पीयूष का समर्थन करते हुए कहा कि कई कंपनियों में दबाव बहुत ज़्यादा होता है और टारगेट पूरा न होने पर मैनेजर कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। दूसरों ने कंपनी का समर्थन करते हुए कहा कि कई बार लोग बदला लेने या सहानुभूति पाने के लिए नौकरी छोड़ने के बाद झूठ बोलते हैं। इस मामले में सच्चाई अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन स्थिति यह बताती है कि कई भारतीय कंपनियों में वर्क कल्चर और कर्मचारियों के साथ व्यवहार को लेकर बड़ी समस्या है।
पीयूष सच बोल रहा हो या नहीं, एक बात तो पक्की है। कर्मचारियों को कभी भी ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जिससे उन्हें असहज महसूस हो, खास तौर पर सज़ा के तौर पर नहीं। अगर कोई व्यक्ति टारगेट पूरा करने में विफल रहता है, तो कंपनी को उससे बात करनी चाहिए, उसका समर्थन करना चाहिए और उसे बेहतर बनाने में मदद करनी चाहिए, न कि उसे दंडित या अपमानित करना चाहिए। साथ ही, अगर किसी कंपनी को किसी कर्मचारी के बारे में शिकायत मिलती है, तो उसे इसे निष्पक्ष और उचित तरीके से संभालना चाहिए, बिना किसी की छवि का नुकसान किए।
मानसिक स्वास्थ्य एक बहुत ही गंभीर विषय
आज की दुनिया में, जहाँ मानसिक स्वास्थ्य एक बहुत ही गंभीर विषय है, कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्य वातावरण सुरक्षित और सम्मानजनक हो। कर्मचारियों को अपनी नौकरी खोने या अपमानित होने के डर के बिना अपनी समस्याओं को साझा करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
इस पूरे मामले के दो पहलू हैं, और अभी, हम नहीं जानते कि कौन सा पूरी तरह से सच है। लेकिन हर कर्मचारी सम्मान का हकदार है। कोई भी नौकरी किसी व्यक्ति की गरिमा से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। कंपनियों को अपने प्रबंधकों को टीम के सदस्यों के साथ ठीक से व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए, और जब कोई शिकायत करता है तो उसे ध्यान से सुनना चाहिए।
एक पूरी निष्पक्ष जांच ही हमें बता सकती है कि पीयूष कुमार और हाइक एजुकेशन के बीच वास्तव में क्या हुआ था।
Source: Linkedin
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