Operation Abhyas: जानिए किन राज्यों में हुआ ब्लैकआउट और सायरन का अभ्यास

7 मई, 2025 को भारत में Operation Abhyas नामक एक बहुत बड़ा सुरक्षा अभ्यास किया गया। यह कोई वास्तविक आपातकाल नहीं था, बल्कि एक नकली अभ्यास था। जिसका उद्देश्य Operation Abhyas नामक एक बहुत बड़ा सुरक्षा अभ्यास किया गया। यह कोई वास्तविक आपातकाल नहीं था, बल्कि एक नकली अभ्यास था। जिसका उद्देश्य यह है कि लोगों को आपातकालीन समय के लिए तैयार करना था कि अगर कभी कोई खतरनाक घटना घटित होती है, जैसे कि युद्ध, आतंकवादी हमला या प्राकृतिक आपदा, तब लोग अपने साथ-साथ दूसरों की भी मदद कर पाए। इस अभ्यास में देश भर के 240 से ज़्यादा जिलों ने हिस्सा लिया। इसका आयोजन गृह मंत्रालय द्वारा किया गया था और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसका समर्थन किया था। इस अभ्यास में ब्लैकआउट (बिजली की कटौती), तेज़ सायरन, आपातकालीन निकासी और बचाव अभियान भी शामिल थे। कई लोग पहले तो डरे हुए थे, ख़ास तौर पर इसलिए क्योंकि इसमें सायरन और बिजली काट दिया गया था। लेकिन यह अभ्यास सिर्फ़ सुरक्षा तैयारी के लिए था। जैसे छात्र स्कूलों में आग बुझाने का अभ्यास करते हैं, वैसे ही देश ने बड़ी आपातकालीन स्थितियों में क्या करना है, इसका अभ्यास करवाया।
सरकार ने यह Mock Drill क्यों की ?
इस Mock Drill का मुख्य कारण जनता और अधिकारियों को आपात स्थितियों के लिए तैयार करना था, खासकर अप्रैल 2025 में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। उस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है, और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि नागरिक और स्थानीय अधिकारीयो दोनों को पता हो कि अगर फिर से ऐसा कुछ हुआ तो क्या करना है और क्या नहीं। Mock Drill यह जांचने का एक तरीका था कि लोग कितनी तेज़ी से प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या पुलिस, मेडिकल स्टाफ़ और बचाव दल जैसी आपातकालीन टीमें सही जगहों पर जल्दी पहुँच सकती हैं या नहीं, और कैसे संचार प्रणाली काम करती है। इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना भी था कि आपातकालीन कहाँ जाना है, कैसे व्यवहार करना है, इस तरह के आपातकालीन अभ्यास से वास्तविक आपातकालीन स्थितियों के दौरान कैसे मदद करनी है। इस तरह के अभ्यास कार्यक्रम रियल आपदा होने पर घबराहट और भ्रम को कम करने में मदद करते हैं।
अभ्यास के दौरान वास्तव में क्या हुआ ?
#WATCH | UP CM Yogi Adityanath oversees the mock drill being held amid blackout, at Reserve Police Lines in Lucknow, as part of the mock drill ordered throughout the country by the MHA. pic.twitter.com/XNAmYAePOi
— ANI (@ANI) May 7, 2025
Operation Abhyas, के दौरान, शहरों और कस्बों में अलग-अलग कार्य किए गए। कई इलाकों में, लोगों को सतर्क करने के लिए हवाई हमले के सायरन बजाए गए, ठीक वैसे ही जैसे युद्ध के समय होते हैं। जैसे दिल्ली में, शाम 4 बजे ठीक 60 सायरन बजाए गए, और लोगों को आश्रय लेने के लिए कहा गया। दिल्ली के NDMC क्षेत्र जैसी जगहों पर भी ब्लैकआउट हुआ, जहाँ 8:00 बजे से 8:15 बजे तक 15 मिनट के लिए लाइटें बंद कर दी गईं। लोगों से कहा गया कि वे घर की लाइटें बंद कर दें, खिड़कियाँ बंद कर लें और छतों या खुले इलाकों से दूर रहें। आपातकालीन टीमों ने बचाव अभियान, अस्थायी चिकित्सा शिविर स्थापित करने और ‘घायल’ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया। कुछ जगहों पर, निकासी अभ्यास आयोजित किए गए जहाँ लोगों को इमारतों को छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में पहुँचना था। यह वास्तविक जीवन में आपातकालीन फिल्म में ऐक्टिंग करने जैसा था, लेकिन बस फर्क यही था की, डरने के बजाय सीखने का मौका था।
VIDEO | Rajasthan: Blackout is being observed in Jaisalmer as a part of mock drill to assess India’s emergency response preparedness. #mockdrill
— Press Trust of India (@PTI_News) May 7, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/Vb6CYMS1vT
Mock Drill में किन शहरों और राज्यों ने हिस्सा लिया ?
यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ी ड्रिल में से एक थी। इसमें करीब 244 जिलों ने हिस्सा लिया। दिल्ली में 50 से ज़्यादा जगहों पर Mock Drill हुईं। असम में, 14 जिलों में 18 जगहों पर ड्रिल आयोजित की गई। मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और कई दूसरे बड़े और छोटे शहर इसमें शामिल हुए। जैसे की, चेन्नई में, संवेदनशील जगहों पर किसी आपात स्थिति से निपटने के तरीको का अभ्यास करने के लिए मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर भी ड्रिल आयोजित की गई। इस Mock Drill से पता चलता है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि पूरा देश इस सुरक्षा अभ्यास का हिस्सा हो, न कि सिर्फ़ बड़े शहर। राज्य सरकारें, स्थानीय पुलिस, अग्निशमन विभाग और अस्पताल सभी ने ड्रिल को सफल बनने के लिए एक साथ मिलकर काम किया। हर क्षेत्र को एक खास काल्पनिक दृश्य दिया गया था जैसे हवाई हमले, बम विस्फोट या इमारत ढहना।
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | शामिल जिले / क्षेत्र | ड्रिल के दौरान की गई गतिविधियाँ |
|---|---|---|
| दिल्ली | NDMC, साउथ दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली | रात 8:00 से 8:15 तक ब्लैकआउट, सायरन बजाना, लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना, रेस्क्यू डेमो kiya। |
| महाराष्ट्र | मुंबई, ठाणे, पुणे | सायरन बजाना, लोगों को अंदर रहना, नकली बम धमाके की स्थिति में निकासी अभ्यास किया। |
| तमिलनाडु | चेन्नई | मद्रास एटॉमिक पावर स्टेशन में ड्रिल, सार्वजनिक सायरन, सुरक्षा डेमो किया |
| कर्नाटक | बेंगलुरु | आपातकालीन संचार प्रणाली की जांच, ब्लैकआउट, भीड़ नियंत्रण अभ्यास करना |
| पश्चिम बंगाल | कोलकाता | सायरन बजाना, स्कूल और अस्पताल की निकासी, प्राथमिक उपचार का अभ्यास करना |
| असम | 14 जिले, जैसे – गुवाहाटी | 18 जगहों पर ड्रिल, बाढ़ और आतंकवादी हमले की नकली स्थिति |
| तेलंगाना | हैदराबाद | एयर रेड सायरन ड्रिल, नकली चिकित्सा सहायता, ट्रैफिक डायवर्जन |
| राजस्थान | जयपुर, जोधपुर | नागरिक सुरक्षा अभ्यास, ब्लैकआउट, समुदाय जागरूकता कार्यक्रम |
| उत्तर प्रदेश | लखनऊ, वाराणसी | सायरन बजाना, खोज और बचाव ड्रिल, सुरक्षित स्थानों की ओर लोगों को ले जाना |
| पंजाब | अमृतसर, लुधियाना | सायरन, प्राथमिक चिकित्सा अभ्यास, अग्निशमन और मेडिकल टीमों के साथ समन्वय |
| हरियाणा | गुरुग्राम, फरीदाबाद | ट्रैफिक कंट्रोल अभ्यास, ऑफिस निकासी ड्रिल, एयर स्ट्राइक चेतावनी प्रणाली |
| गुजरात | अहमदाबाद, वडोदरा | बिजली कटौती अभ्यास, मेडिकल सहायता शिविर, पब्लिक सूचना प्रणाली की जांच |
| जम्मू और कश्मीर | श्रीनगर, जम्मू | हाई अलर्ट सायरन, घरों में रहकर सुरक्षा अभ्यास, सेना की सहायता |
| मध्य प्रदेश | भोपाल, इंदौर | निकासी ड्रिल, आपातकालीन वाहनों की आवाजाही का अभ्यास |
| छत्तीसगढ़ | रायपुर | बम धमाके की नकली स्थिति, सायरन प्रयोग, अस्पताल में आपातकालीन तैयारी अभ्यास |
लोगों ने इस अभ्यास पर कैसी प्रतिक्रिया दी ?
लोगों की प्रतिक्रिया मिलती-जुलती थी। कई लोगों ने इस अभ्यास का समर्थन किया और कहा कि इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि कैसे सुरक्षित रहना है। लेकिन कुछ लोग जैसे कुछ महिला और छोटे बच्चे डरे हुए भी थे, खासकर उन इलाकों में जहाँ सायरन बहुत तेज़ थे या फिर जहां बिना किसी सूचना के ब्लैकआउट हो गया था। हालांकि सबको पता था इस Mock Drill के बारे में, पर कुछ इलाकों में लोगों को स्पष्ट निर्देश नहीं मिले होंगे या फिर ध्यान नहीं दिया होगा, जिससे कुछ समय के हड़बड़ हो गई थी। जबकि, सरकार ने एक दिन पहले ही अख़बारों, टीवी और ऑनलाइन न्यूज़ साइट्स के ज़रिए चेतावनी और अपडेट शेयर किए थे। निवासियों से सहयोग करने, शांत रहने और आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया था। कुछ जगहों पर स्कूल के बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने भी आगे बढ़कर खुशी-खुशी इसमे भाग लिया। लोगों के छिपने, टॉर्च का उपयोग करने और प्राथमिक उपचार का अभ्यास करने के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी किया गया। इस अभ्यास ने कई लोगों को यह एहसास भी कराया कि उन्हें ये जरूरी सुरक्षा उपायों के बारे में पता नहीं था, जैसे कि हवाई हमले की स्थिति में कहाँ जाना है या प्राथमिक उपचार कैसे देना है। यह Mock Drill भारत, और भारत के नागरिक के लिए जरूरी और महत्वपूर्ण अभ्यास था।
BIG BREAKING
— Ashish Singh (@AshishSinghKiJi) May 6, 2025
This video release NDMC Govt officialy, this video for public safety and awareness it's most important video
Every Indian citizen should retweet and share this video
Please share this video with your friends on WhatsApp #mockdrills pic.twitter.com/4cWMwGbiye
मॉक ड्रिल क्यों महत्वपूर्ण हैं ?
आपातकालीन स्थितियों के दौरान लोगों को खुद की और अपने साथ-साथ की जान की रक्षा के बारे मे सिखाना बहुत जरूरी इसलिए मॉक ड्रिल बहुत महत्वपूर्ण हैं। जब कोई वास्तविक आपदा होती है, जैसे भूकंप, बाढ़, आतंकवादी हमला या आग लगना, तो योजना बनाने का समय नहीं होता। लोग अक्सर घबरा जाते हैं, भ्रमित हो जाते हैं और समय बर्बाद कर देते हैं। इसलिए ये अभ्यास किए जाते हैं। जिस तरह स्कूलों में फायर ड्रिल से छात्रों को यह पता चलता है कि आग लगने पर क्या करना है, उसी तरह Operation Abhyas एक देश स्तरीय अभ्यास था, जिससे सभी को आपातकाल में अपनी भूमिका और उस समय को खुद को समझने में मदद मिली। ये अभ्यास न केवल जनता बल्कि पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल और यहाँ तक कि बिजली कंपनियों जैसी आपातकालीन सेवाओं का भी परीक्षण करते हैं। ये अभ्यास सरकार को यह भी दिखाता है कि क्या काम कर रहा है और किसमें सुधार की आवश्यकता है किसमे नहीं। प्रत्येक अभ्यास के बाद, एक रिपोर्ट बनाई जाती है और सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए फीडबैक एकत्र किया जाता है।
Operation Abhyas भारत को आपात स्थितियों के लिए और अधिक तैयार करने में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम था। इसने नागरिकों, स्थानीय नेताओं, पुलिस, डॉक्टरों और सरकार के साथ मिलकर काम करने की शक्ति एक शक्ति को दिखाया। जबकि कुछ लोग अभ्यास के दौरान भ्रमित हुए थे, मुख्य लक्ष्य डराना नहीं, बल्कि सिखाना था। नतीजतन, देश भर में लाखों लोग अब इस बात से अवगत हैं कि खतरे की स्थिति में क्या करना है और क्या नहीं। भविष्य में इस तरह के और अभ्यासों के साथ, हम एक ऐसा राष्ट्र बना सकते हैं, जो न केवल सतर्क है, बल्कि शांत और समझदारी से जवाब देने के लिए तैयार है।
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