Study Abroad

Study Abroad: सपनों की उड़ान या फिर खर्चों का तूफ़ान ?

Study Abroad, हर साल, हजारों भारतीय विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में निकलते हैं। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा केवल एक औपचारिकता से नहीं है, और ना ही यह केवल डिग्री हासिल करना है। जब कोई छात्र विदेश के किसी नए देश में जाता है, तो वह वहाँ की भाषा, संस्कृति और लोगों को भी समझने की कोशिश करता है। छात्रों के बोलने का तरीका, खानपान और मौसम किसी और देश में जाने से बिल्कुल अलग हो जाता हैं। शुरुआत में थोड़ी परेशानी तो होती है, लेकिन समय के साथ छात्रों को वहाँ की जिंदगी जी पाना बहुत आसान लगने लगता है। खुद की मेहनत से सक्षम होने का कार्य करना, अकेले निर्णय लेना जो की है, आत्मनिर्भर बनने बहुत सहायक होती है। छात्रों के लिए इंटरनेशनल क्लासरूम में पढ़ाई करना, अलग-अलग देशों के लोगों से बातचीत करना और अलग-अलग संस्कृतियो को देखना उनसे सीखना आकर्षण का विषय बनता है। आपको सोचने और नीति बदलने का भी मौका दिया जाता है। एक छात्रों को केवल पढ़ाई में ही सहायता नहीं मिलती, बल्कि आर्थिक स्थिति में मे भी सहायता मिलती है जैसे ट्यूशन फ़ीस में छूट, छात्रों को स्कॉलरशिप आदि।