डिसिप्लिन vs मोटिवेशन – असली जीत किसकी?

मोटिवेशन नहीं, डिसिप्लिन है असली हीरो!, क्यों हर सफल इंसान डिसिप्लिन को फॉलो करता है, चलिए जानते है!

मोटिवेशन मूड के हिसाब से काम करता है अगर अच्छा लगेगा तो काम करेंगे और मन नहीं होगा तो छोड़ देंगे। 

डिसिप्लिन काम को आदत बना देता है, मन हो या ना हो रोज वही काम करना है।  

मोटिवेशन आता है और जाता है, जैसे जब तक मूड नहीं बना, काम भी नहीं होगा। 

डिसिप्लिन हर दिन थोड़ा-थोड़ा आपको बेहतर बनाता है ये आपके रिजल्ट को गारंटी देता है  

APJ अब्दुल कलाम से लेकर विराट कोहली तक सबका फॉर्मूला  डिसिप्लिन है। 

अपने जीवन मे छोटे-छोटे डेली स्टेप्स लाओ, बदलाव खुद दिखने लगेगा।