स्टीव जॉब्स कैसे रहते थे अल्ट्रा-फोकस्ड?

स्टीव जॉब्स मानते थे काम कम करो, लेकिन शानदार करो। उन्होंने Apple के 70% प्रोडक्ट्स बंद कर दिए ताकि वो कुछ बेहतरीन पर फोकस कर सकें।

‘ना’ कहना सीखा फोकस का मतलब है ना कहना। उन्होंने हज़ारों अच्छे आइडियाज को ठुकराया ताकि सबसे बेहतरीन पर ध्यान दे सकें।

बिना रुकावट के माहौल वो गैर-ज़रूरी मीटिंग्स और बकवास से दूर रहते थे। उनका ऑफिस साफ़, सिंपल और क्रिएटिविटी बढ़ाने वाला होता था।

सिंपल लाइफस्टाइल स्टीव जॉब्स मेडिटेशन करते थे और ज़ेन फिलॉसफी को मानते थे। इससे उन्हें माइंड क्लियर रखने और गहराई से सोचने में मदद मिलती थी।

क्लियर विज़न उनके पास Apple के लिए एक दमदार विज़न था। यह विज़न हर निर्णय को दिशा देता था और उन्हें ट्रैक पर रखता था।

यूज़र एक्सपीरियंस पर फुल फोकस वो प्रोडक्ट डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस के दीवाने थे। उनका लक्ष्य था तकनीक को सुंदर और आसान बनाना।

स्टीव जॉब्स ने सिखाया  सिंप्लिसिटी ही असली फोकस है। फोकस कोई स्किल नहीं, एक चॉइस है। सही चुनाव करें।