26/11 के गुनहगारों का अब कोई नामोनिशान नहीं बचा — भारत ने लिया हर कतरे का बदला। 

भारत ने 6 मई की रात पाकिस्तान और पीओके में आतंक के 9 अड्डों पर धावा बोला। ये कार्रवाई पहलगाम हमले में मारे गए 26 निर्दोष भारतीयों का जवाब थी।

ऑपरेशन सिंदूर में करीब 900 आतंकियों को निशाना बनाया गया। सिर्फ आतंकी ठिकानों को चुन-चुनकर तबाह किया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पहले इंटेलिजेंस इनपुट इकट्ठा किए गए, फिर सटीक योजना के तहत हमले किए गए।

मुजफ्फराबाद के सवायनाला और सईदना बिलाल कैंप को मिसाइलों से उड़ाया गया। ये लश्कर और जैश के बड़े ट्रेनिंग सेंटर थे।

कोटली का गुलपुर और भिंबर का बरनाला कैंप पूरी तरह नष्ट किए गए। यहाँ रजौरी, पुंछ और तीर्थयात्री बस हमले के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।

कोटली का अब्बास कैंप, जहां लश्कर के आत्मघाती हमलावर तैयार होते थे, अब पूरी तरह खत्म हो चुका है।

सियालकोट का सरजल कैंप, मेहमूना जोया, मुरीदके का मरकज तैयबा और बहावलपुर का मरकज सुभानअल्लाह — इन सभी पर हमला किया गया।

सियालकोट के कैंपों से पठानकोट एयरबेस और कठुआ क्षेत्र में हमलों की साजिशें रची गई थीं। अब ये ठिकाने भी खत्म हो चुके हैं।

मुरीदके का मरकज तैयबा, जहाँ कसाब और हेडली ने ट्रेनिंग ली थी, अब ध्वस्त हो चुका है। 26/11 के दर्द का जवाब मिल चुका है।

ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और आतंकियों को कड़ा संदेश मिला है — अब भारत चुप नहीं बैठेगा, हर हमले का जवाब दिया जाएगा।